तीन तलाक़ पर मोहम्मद सलीम से बोलीं स्मृति इरानी- दम हो तो हनुमान चालीसा सुना दीजिएगा
इस बहस के दौरान स्मृति इरानी ने कहा, ''सभी महिलाओं का न्याय सुनिश्चित करेंगे. वो लोग जो इस विधेयक को इस नज़र से चर्चा में भाग ले रहे हैं कि इसको अपराध की नज़र से क्यों देखा जाए. ऐसे लोगों से मेरा निवेदन है कि अगर इस्लामिक इतिहास देखा जाए तो दूसरे ख़लीफ़ा के सामने पहली बार ऐसा केस आया. जब एक व्यक्ति से पूछा गया कि क्या आपने इस तरह से तलाक़ दिया है. जब व्यक्ति ने स्वीकार किया तो उस वक़्त उसे 40 कोड़ों की सज़ा सुनाई गई. इसका मतलब है कि इस्लाम में तलाक को एक औरत के ख़िलाफ़ अपराध माना गया है.'' सीपीआई (एम) सांसद मोहम्मद सलीम ने इस पर स्मृति को रोककर ख़लीफ़ा का नाम पूछते हुए कहते हैं- नाम बताइए मैडम नाम. स्मृति सलीम को जवाब देती हैं, ''हज़रत साहेब का नाम मेरे मुंह से सुनना चाहते हैं तो मैं भी आपके मुंह से हनुमान चालीसा सुनना चाहूंगी. कभी दम हो तो सुना दीजिएगा.'' कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद: ये बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है. आज का बिल सिर्फ़ इंसान और इंसानियत के लिए है. ये बिल देश की औरतों को सम्मान देने के लिए है. मुस्लिम मर्दों के लिए सज़ा का प्रावधा...