जम्मू से क्यों लौट रहे हैं बरसों से रह रहे रोहिंग्या परिवार
एक दशक से भी ज़्यादा समय से जम्मू और उसके आस पास के इलाकों में रह रहे रोहिंग्या अचानक जम्मू छोड़कर बांग्लादेश जाना चाहते हैं. पिछले कुछ समय से लगभग तीन दर्जन से भी ज़्यादा परिवार जम्मू में नरवाल बाला के पास बनी रोहिंग्या बस्ती से निकलकर बांग्लादेश और हैदराबाद के लिए रवाना हो गए. हालाँकि, इस समय जम्मू छोड़कर जाने वाले लोगों की संख्या काफ़ी कम है लेकिन बस्ती में रह रहे रोहिंग्या लोगों के मन में इस बात का डर घर कर गया है कि लम्बे समय तक यहां टिके रहना भी उनके लिए नुकसान दायक साबित हो सकता है. 2018 की शुरुआत में रियासती सरकार के गृह विभाग की रिपोर्ट में कहा गया था कि जम्मू कश्मीर के 5 ज़िलों में 39 स्थानों पर 6523 रोहिंग्या बसे हैं. लेकिन सियासी पार्टियाँ इस आंकडे को अधूरा बताती हैं. रोहिंग्या लोगों को जम्मू से हटाने का सिलसिला सबसे पहले फ़रवरी 2017 में शुरू हुआ था. उस समय एक स्थानीय राजनीतिक दल, जम्मू और कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी ने जम्मू शहर में रोहिंग्या के खिलाफ मुहिम छेड़ दी थी और जगह जगह रोहिंग्या 'जम्मू छोड़ो' के पोस्टर लगाकर डर का माहौल तैयार किया था. लेकिन ...